Rumored Buzz on Shodashi
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दिव्यौघैर्मनुजौघ-सिद्ध-निवहैः सारूप्य-मुक्तिं गतैः ।
अष्टैश्वर्यप्रदामम्बामष्टदिक्पालसेविताम् ।
॥ इति श्रीत्रिपुरसुन्दरीस्तोत्रं सम्पूर्णम् ॥
अष्टमूर्तिमयीं वन्दे देवीं त्रिपुरसुन्दरीम् ॥८॥
Considering the fact that among his adversaries had been Shiva himself, the Kama acquired huge Shakti. Missing discrimination, the man commenced generating tribulations in every one of the a few worlds. With Kama possessing a great deal electrical power, and Along with the Devas experiencing defeat, they approached Tripura Sundari for help. Taking on all her weapons, she charged into battle and vanquished him, thus conserving the realm in the Gods.
The Mahavidya Shodashi Mantra is usually a strong tool for people looking for harmony in personalized associations, Resourceful inspiration, and direction in spiritual pursuits. Typical chanting fosters emotional healing, boosts intuition, and can help devotees access higher wisdom.
ഓം ശ്രീം ഹ്രീം ക്ലീം ഐം സൗ: ഓം ഹ്രീം ശ്രീം ക എ ഐ ല ഹ്രീം ഹ സ ക ഹ ല ഹ്രീം സ ക ല ഹ്രീം സൗ: ഐം ക്ലീം ഹ്രീം ശ്രീം
ब्रह्माण्डादिकटाहान्तं जगदद्यापि दृश्यते ॥६॥
भगवान् शिव ने कहा — ‘कार्तिकेय। तुमने एक अत्यन्त रहस्य का प्रश्न पूछा है और मैं प्रेम वश तुम्हें यह अवश्य ही बताऊंगा। जो सत् रज एवं तम, भूत-प्रेत, मनुष्य, प्राणी हैं, वे सब इस प्रकृति से उत्पन्न हुए हैं। वही पराशक्ति “महात्रिपुर सुन्दरी” है, वही सारे चराचर संसार को उत्पन्न करती है, पालती है और नाश करती है, वही शक्ति इच्छा ज्ञान, क्रिया शक्ति और ब्रह्मा, विष्णु, शिव रूप वाली है, वही त्रिशक्ति के रूप में सृष्टि, स्थिति और विनाशिनी है, ब्रह्मा रूप में वह इस चराचर जगत की सृष्टि करती है।
Her natural beauty is often a gateway to spiritual awakening, building her an object of meditation and veneration for the people searching for to transcend worldly desires.
लक्ष्मी-वाग-गजादिभिः कर-लसत्-पाशासि-घण्टादिभिः
यामेवानेकरूपां प्रतिदिनमवनौ संश्रयन्ते विधिज्ञाः
, sort, where she sits atop Shivas lap joined in union. Her features are unlimited, expressed by her 5 Shivas. The throne on which she sits has as its legs the 5 sorts of Shiva, the renowned Pancha Brahmas
यह साधना करने वाला व्यक्ति स्वयं कामदेव के समान हो जाता है और वह साधारण व्यक्ति न more info रहकर लक्ष्मीवान्, पुत्रवान व स्त्रीप्रिय होता है। उसे वशीकरण की विशेष शक्ति प्राप्त होती है, उसके अंदर एक विशेष आत्मशक्ति का विकास होता है और उसके जीवन के पाप शान्त होते है। जिस प्रकार अग्नि में कपूर तत्काल भस्म हो जाता है, उसी प्रकार महात्रिपुर सुन्दरी की साधना करने से व्यक्ति के पापों का क्षय हो जाता है, वाणी की सिद्धि प्राप्त होती है और उसे समस्त शक्तियों के स्वामी की स्थिति प्राप्त होती है और व्यक्ति इस जीवन में ही मनुष्यत्व से देवत्व की ओर परिवर्तित होने की प्रक्रिया प्रारम्भ कर लेता है।